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    कौशल शिक्षा

    कौशल-आधारित शिक्षा से जुड़ी कुछ खास बातें:
    कौशल-आधारित शिक्षा, छात्रों को व्यावहारिक अभ्यास और वास्तविक दुनिया में अनुप्रयोग के ज़रिए कौशल विकसित करती है.
    कौशल-आधारित शिक्षा से छात्रों को अपनी व्यक्तिगत ताकत और कमज़ोरियां पहचानने में मदद मिलती है.
    यह शिक्षा, छात्रों को अर्जित ज्ञान को वास्तविक जीवन की स्थितियों में लागू करने में सक्षम बनाती है.
    कौशल-आधारित शिक्षा से छात्रों को औद्योगिक रूप से ज़्यादा कुशल बनने में मदद मिलती है.
    कौशल-आधारित शिक्षा से ग्रामीण युवाओं को बेहतर रोज़गार मिलने में मदद मिलती है.
    कौशल विकास, व्यक्तियों के लिए बदलते कार्य वातावरण के अनुकूल होने में मदद करता है.
    कौशल विकास, रोज़गार क्षमता को बढ़ाने और करियर के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है.
    कौशल विकास, संगठनात्मक सफलता को बढ़ावा देने में भी मदद करता है.
    भारत सरकार ने 2015 में ‘कौशल भारत’ की पहल की थी. कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) ने कौशल विकास और उद्योग संपर्क को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) शुरू की थी.