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    पुस्तकालय

    पुस्तकालय के बारे में कुछ खास बातेंः
    पुस्तकालय का मतलब है, पुस्तकों का घर.
    पुस्तकालय में हर तरह की ज्ञानवर्धक किताबें उपलब्ध होती हैं.
    पुस्तकालय में किताबें पढ़ने से मन एकाग्र रहता है.
    पुस्तकालय में किताबें पढ़ने के लिए ज़्यादा पैसे की ज़रूरत नहीं होती.
    पुस्तकालय में हमेशा अनुशासन का पालन करना चाहिए.
    पुस्तकालय से ली गई किताब को पढ़ने के बाद वापस जमा कराना चाहिए.
    पुस्तकालय में किसी भी किताब पर कुछ नहीं लिखना चाहिए.
    पुस्तकालय में शांति बनाकर रखनी चाहिए.
    पुस्तकालय में किताबें, पत्रिकाएं, समाचार पत्र, डीवीडी, पांडुलिपियां वगैरह उपलब्ध होती हैं.
    पुस्तकालय में सूचना की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पुस्तकालयाध्यक्षों की मदद मिलती है.
    पुस्तकालय में इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों, जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
    पुस्तकालय सामुदायिक केंद्र भी हो सकते हैं.
    पुस्तकालय के प्रकार के आधार पर, इनके ग्राहकों और सेवाओं में अंतर होता है.
    भारत के राष्ट्रीय पुस्तकालय की शुरुआत कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी से हुई थी. इसकी स्थापना साल 1835 में हुई थी.